पुस्तक “सौर मंडल की सैर” की लेखिकाएँ सरिता सराफ और अलंकृता अमाया, के साथ साक्षात्कार

पुस्तक “सौर मंडल की सैर” की लेखिकाएँ सरिता सराफ और अलंकृता अमाया, के साथ साक्षात्कार

“सौर मंडल की सैर” की लेखिकाओं सरिता सराफ व अलंकृता अमाया बच्चों में जिज्ञासा, भाषा व सीखने का जुनून जगाने की अपनी सोच साझा करती हैं।
on Sep 10, 2025

फ्रंटलिस्ट: आपकी किताब सौर मंडल की सैर में बच्चों को ग्रहों की सैर पर ले जाया गया है। आपको हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में शब्दावली सिखाने का विचार कैसे आया? 

अलंकृता: मैं हिंदी - भाषी परिवार में पैदा हुई और मैंने मेरी पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की। दोनों भाषाएँ हमेशा मेरी ज़िंदगी का हिस्सा रही हैं।मैं दो भाषाओं में सोचती हूँ और चाहूँगी की बच्चे भी कहानियाँ एक से ज़्यादा भाषाओं में सुना सकें।  

फ्रंटलिस्ट: चित्रकथा और कहानी के संयोजन से बच्चों की सीखने की प्रक्रिया पर आपका क्या दृष्टिकोण है? 

सरिता: चित्रकथा,कहानी बताने का एक बहुत ही रोचक माध्यम है। बहुत कुछ चित्र कह देते हैं जिसे कहानी में डालने की आवश्यकता नहीं होती। यह एक प्रकार की जुगलबंदी है।

फ्रंटलिस्ट: चम्पू का किरदार जीवंत और साहसी है। आपने इसे बनाते समय कौन-सी खास बातें ध्यान में रखीं ताकि बच्चे उससे जुड़ सकें और सीख सकें? 

अलंकृता: हर बच्चे की पहली फितरत जिज्ञासा होती है। वो खोजबीन करना चाहता है, सवाल पूछना चाहता है। चम्पू भी इसी उत्साह में सौरमंडल की सैर करना चाहती है। मेरी यही कोशिश रहती है की कहानी मनोरंजक और मज़ेदार धागों से पिरोई हो ताकि सीख भी खेल लगे।

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